जासूसी के खुलासे के बाद वॉट्सऐप के डाउनलोड्स में 80% गिरावट, सिग्नल और टेलिग्राम मैसेंजर के यूजर्स बढ़े

वॉट्सऐप द्वारा जासूसी का खुलासा किए जाने के बाद उसके डाउनलोड्स में गिरावट देखने को मिल रही है। मोबाइल डेटा एनालिटिक्स एंड इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टॉवर ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉट्सऐप के डाउनलोड्स में 80% गिरावट आई। वॉट्सअप ने 23 अक्टूबर को कहा था कि इजरायली फर्म ने पिगासस स्पाईवेयर के जरिए दुनियाभर में 1400 यूजर्स के डेटा की जासूसी की। इनमें राजनेता, अधिकारी और पत्रकार शामिल थे। इसके बाद 26 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच वॉट्सऐप के डाउनलोड्स में 71 लाख की गिरावट दर्ज की गई।


मोबाइल डेटा एनालिटिक्स एंड इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, जासूसी का खुलासा होने से पहले वॉट्सऐप डाउनलोड्स का आंकड़ा 89 लाख था। खुलासे के बाद 26 अक्टूबर से 3 नवंबर यानी 7 दिन में डाउनलोड्स का आंकड़ा 18 लाख पर पहुंच गया।


 


पेगासस से चुराई 1400 यूजर्स की निजी जानकारी




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    रिपोर्ट में कहा गया- इन 7 दिनों के भीतर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड ऐप जैसे सिग्नल और टेलिग्राम की तरफ यूजर्स का रुझान बढ़ रहा है। सिग्नल ऐप के डाउनलोड में 63% और टेलिग्राम मैसेंजर के डाउनलोड्स में 10% की बढ़ोतरी हुई। टेलिग्राम ऐप अब 9.20 लाख डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर चुकी है।


     




  2.  


    सेंसर टॉवर ने बताया कि यह रिपोर्ट एपल आईडी और गूगल अकाउंट से सिंगल डाउनलोड, एक अकाउंट से कई डिवाइस में इंस्टॉलेशन और ऐप अपडेशन जैसे आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है।


     




  3.  


    29 अक्टूबर को वॉट्सऐप ने बताया था कि उसने इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ केस किया है। वॉट्सऐप ने आरोप लगाया कि ग्रुप द्वारा बनाए गए स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल भारत समेत दुनियाभर के 1400 से ज्यादा वॉट्सऐप यूजर्स की निजी जानकारी जुटाने के लिए किया गया।


     




  4.  


    वॉट्सऐप के खुलासे का बाद हुई जांच में सामने आया कि वॉट्सऐप में ऐसी कई सर्विसेस हैं, जो पेगासस को फैलाने में मदद करती हैं। वॉट्सऐप ने यह भी बताया कि मई 2019 में हुई इस हैकिंग के बारे में कंपनी पहले ही भारत को सूचित कर चुकी थी। लेकिन, भारत के आईटी मंत्रालय ने कहा था कि यह जानकारी अस्पष्ट थी।


     




  5.  


    इससे पहले वॉट्सऐप यह दावा करता रहा है कि उसका मैसेजिंग प्लेटफार्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मॉडल पर बेस्ड है। इसमें दो लोगों की बीच की गई बातचीत बिल्कुल सुरक्षित रहती है। कोई भी शेयर किए गए वास्तविक कंटेंट को देख और पढ़ नहीं सकता।


     




  6.  


    पेगासस स्पाईवेयर को इंफेक्टेड लिंक के माध्यम से यूजर के स्मार्टफोन में भेजा गया। इस लिंक को एसएमएस, एमएमएस, टेलिग्राम, सिग्नल, ईमेल और अन्य कई तरीकों से यूजर तक भेजा जा सकता है।